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राजस्थान रा जिला रो नक्शो
(आभार राजस्थान पत्रिका)

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खिज्र खां जी
किशनसिंह जी राठौड
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रतनसिंहजी
सूरतसिंहजी
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भवनलालजी
रवि पुरोहितजी

मारवाड़ी विवाह गीत

संकलन- श्रीमती सुगनीबाई बोहरा, श्रीमती कंचनबाई गादिया

श्लोक-1
श्वामी मीखणजी साचा सुखकारी।
प्रगटिया जीवनर ज्यू पंचमआरी।।
काढी सरधा लव जीवा हितकारी।
बाधी मरजादा आगम अनुसारी।।1।।
लारे पाटोधर हुआ अति लायक
नामी दुनिवा में मुनियारां नायक
नाझा जगती में ज्यारा जश वाचक
गाया गावे ने गासी गुण गायक।।2।।
अस्टम पट झालु कालु अबतरीयो
आछो बड लागो अगु सरीयो
वरसा संत बीसा सूदी पद वरियो
काले कलयुग में सतयुग सो करीयो।।3।।
छेटे देशां परदेशां परबरियो
सागे तुलसी ले छृलसी संचरियों
नवली नवली रचना निरखन दिलधरियो
भावी आचारज जानी गुणभरीयो।।4।।
तीनूदेसां में भारी जश लिनो
छेडले चौमासो रंगापुर किनो
निरखी सांचे लो तुलसी नगितो
नौमी गादीनो मालक कर दिनो।।5।।
मुलका मुलका में धोरा दिनमांहि
प्रकटि सूरी कीर पूरी पुनियाई
गावां गावां का लोग लुगाई
आवे देखण दे मुद्र मनभाई।।6।।
दर्शन दीठा ही मीठा मन होवे
मोरा मेंघा र्ज्यूं लाठां नर जोवे
कीरत मोती रा माला जी पावे
करोडा जन मारा करमाने खोवे।।7।।
मीठा वाणी ज्यूँ गीसरी की डलिया
चारू तीरथ रे होवे रंग रलियां
सुण सुण विकसावे कलियां जी
गावे गाढा गुण गलियां जी।।8।।
इनरी णहिमा तो सांभल हुलयावे,
ि ण भलव माहे तो सारा सुख पावे
आगे अपसरियां चर बान्द वाणे।
लाराँ कोरां सूँ माला पहरावे।।9।।
सुखरी सेजा में खावे हिलोला,
दुखरना सपना भी आवे तहि दोजा।
फिरे जिन दिसा में आख्यियांरा गोला।
हाजर होवे सुर टोला जी टोला।।10।।
लूड लूड हाथां सू करता जी लटका
चंचल चितरारा चटका जी मटका
निरखे मूख आगल नाटक ज्यऊँ नटका।
गुण सुश राध्या रा आवे जी घटका।।1।।
इसडा पुदगल सुख पावे अनुपारी
लीली लक्ष्मी रा होवे अधिकारी
मोजा मन गमती करता सनसारी
छेहडे मुकती रा माणे सुख भारी।।12।।
आछी करणी र्तूं मिलियो अनदाता,
तू ही भवपूव सुख दाता
हरदम चरणां री सेवा में रहता।
थोडा तन मन री चाहू सुख साता।।13।।
तप ज्यो तरणी ज्यों धरणी
गुण धागी बंध जडा बडला र्ज्यूं सम्पत शिवगामी,
शरणे आया री मेटे जो स्वामी
मुखपर राख जो शुभ दृष्टि वामी।।14।।
छिन्नवे चौमासो क्दि ासर मेला,
माता छोंगा के हुबा रंग रेला।
सुख हो शासन में करतो नित केला
वाचयों शिल्यो को महोत्सव वेला।।15।।

विदाई गीत
मारा घर खरियारी विटी जी,
मारा प्रभा वाई सायर बेठी जी
बाई जेरी बाबोसा ने वाली जी
बाई जेरी ससुरो सा ने हुइयोजी
बाई जेरी माताजी ने वाली जी
बाई जेरी सासुजी ने हुइयो जी
(जिनका जिनका नाम लेना है ले ले)
मारां बाई सायर बेटी जी
गै तो दूध पायणे मोटी कीनी जी
मैं थो खाजा सूं खेलायी जी
मै तो पापड सूँ पढाई जी
बाई बेगी सुवे मोरी उढे जी
बाईने हेला मत करिजो जी
मारा बाई सायर बेटी जी

रोवी
वीरो (राग तेजाजी की)
गाज्यो गाज्यटो जेठ असाढ़ वीर मारा ओ
लग तो ीर गाज्यो सावन भादवो
सुता काई सुख भर नींद वीरा मारा ओ
घडे तो परणी जे वाला भाणजी आयाजी ओ
जुटी ऐ वैनर जुठ मत बोलए बैनर मारिओ
माणु ने भाणो तो हिंडे पालणे
भाणु ने भाणो तों हिडे पालणे
उठो गोरी भातो पोवारों गोरी मारा ओ
मै तो जांस्या बाई रे पावणा
घाल्या घाल्या घुडलिए पिलाण वीरा मारओ
सूरज उगा सां वाई रे देश में
ऊंची चढेने नीची उतरे बैनर मारी ो
जोवे वीरो सा री वाटरी
जीतरे सासु रा जाया
आए बधाई दिदिओ।।
भाणज आया थाडा विरोसा ओ
मुखरा में दूध शक्कर देऊं देवर मारा ओ
साथे तो लाइजो वाला भाणजा ओ
चुंदड़ ओढावन वीरो सा वेगा जाऊँ जो ओ
हाथ रचावण भावज लाउजो ओ।
ससुरों सा रे पंचरगी पाम
सासुजी रे सारी सांवटू जी वीरा मारा ओ।
देवरानी जे ठाणियां रा सारी लाइजो
देवर जेठर टोपी लाइजो ओ।।
ननदा रे साडी लाइजो वाला नवदोइरे टोपी ओ।
धीवडलियाररे चूंदडी लाइजो
कुल न  ेबहुआ रे वाला चूंदडी
साहेंबजी रे पांचो सिरपाला बीमा मारा ओ
माने ओढावजो बाला चुन्दडी
कडुवा में लीला नारेल वीरा मारा ओ
नगरी मेंहवल सूपारी बीरा मारा ओ

बीरो
कटा सू आया ओ बहुजी थाडा बीरो सा
कटोरे ओ भुजाइयां रो साथ। वीरो जारो ओ।
बेंगलोर स आया ओ सासुजी मारा बीरो सा
बेंगलोर भुजाइया रो साथ।
कटोरे ओ उतारू सासुजी मारा वोरो साणे
कठोरो ओ भुजाइयां रो साथ।
गलियां में उतारी ओ बहुजी मारा बीरो सा
पोलियाँ भुजाइया रो साथ।
मेला में उतारो ओ मारा सासुजी मारा वीरो सा।
झरोखे भुजाइयां रो साथ
सासुजी रौंधिया ओ बीरो सा वाकला आ
देवर जेठाण्या छांछ।वीरो।
डजागलियां उछालो सासुजी थाडा वाकला
बेलिंया तो पौवे खाटी।थाछ वीरो।
मोरीयो चुगसी थाडा बाकला
बेलिया तो पीवे खाटी छाछ।वीरो।
लचपड रांधो ओ वीरोसा लापसी
खाजा लाड री मनवार।वीरो।
पांच लाख रो वीरो सा थोडो गायरो
एक लाख री चूँदड।वीरो।
जगत सरायो ओ थाडो मायरो
कुटूंब सराई मारी चून्दड।वीरो।

बन्ना
दाल फडकूँ चावल फटकूँ माय फटकूँ मरिया
ये..छुगाइयां कंदोरा में खिलियां
मारे साँचा जी बन्ना।
सुवा पंखी ओढणो रंगाओ जी बन्ना
कोरी कोरी फूलडी में दही रो जमाओ
दही परगयो खाटो..बाजार में पानी रोई घाटो।
मारो सांचा।1।
ओ नेहरू मरग्यो, गांधी मरग्यों इन्दिरा रो राज।
..घर में लुगाइयाँ रो राज।
मारे साचा जी बन्ना।2।
ए पाउडर लागवे टीकी लगावे
ए दिखे घणी चोखी।
ए..डावडा ने पसन्द पर गयी छोढी।3।
सुब्बा पेरवीं
ए पेट पेबरे, सूट पेहरे, ए दीखे घणा चोखा
आ..ढो ा ने पसन्द परगी छोडी
आ बाजरी रो सोगरोणे चंदलियारी भाजी
..बाई रे ब्याह में जमाई हो गमा राजी
नही दिया कूँकू पत्री नहीं दिया तार
.वाइ र व्याह में जानियां चार
भले दिया कुंक पत्री भले दिबा तार
..व्याह में जनमिया माया हजार
लाल मिर्च हरि मिर्च व मिरच बडी तेज
ए छोटा सा..बावे णे गुस्मो बडो तेज

बीरो
गोडा आई बाजरी जगडा उमी जावे ओ
तिल्ली में निदान करणओ परसी पमारी गारिए
पियरेरोए जावस हठ छोट दो मायड सूँ मिलवारो टठ छोव दो
घोड वालो नगागरो लप्प वाली चूँदडी
कांमली कसुम्बल फीकी पड गयी मागा राजजी।
।पियरी ए जाबण वठ छड़ दो।
लेप्पा वालो गागरो टीका वाली चूम्दडी
कांचली कसुम्बल हीरा जडदर्यूं मारी गारिए।पियरिए।
राकडौ पां शकी फूँदा, घणा कोडा सू मोलाया
वीरा रे बांधण रो घणो, उमावो।मारो जी।
कोरी कोरी बाटकरी में कूँकूँ चोका चावलिया
बीटा रे तिलकिए घणो उमावो। मारोजी।
उजली बतीसी मे तो घणा कोडा सू मोलाई
बीरा रे जेबानण री घणो उमावो।मारा।
आज चोखो मोहरत गोरी पियरिए सिधावकरे
बाई गयो देज परदे ओ के
थाडा जोडी रो वर नहि मिलियो
बाबा जई जई जो चिकमंगलोर शहर
ओके मारा जोडी रो वर उठे मिले।
बेटी बेइए मोरा राजो के मोटो मांगे डाइचो
बाबा थेइ ओ 2 दादोसा रा सीसो के
मोटो देइजो डाइचो

बदाओ
किनो सारे आणा सामा ओखेरा
किनी सारे सूरज सामी पोलो (मारूजी)
मारूजी रूपे हजारी आबो फल लिदो।
शिवरांज सारे आमा सामा ओवेरा
केशरीमल सारे सूरज सामी पोलो।
किनो सारे आया सिमरत पावणा
किनो सारे हुई मनवारो।
मदनलाल सारे आया सिगरत पावणा
भवरीलाल सारे हुई मनवारो।
किनो सारे राँधी लचपच लापसी
किसनो सारे राँध्या उजला भातो जी
शिवराज सारे राँधी लचपच लापसी
केशरीलमजी साँध्या उजला भातोजी
किनो सारो कंवर हस्तियां चढे
किनो सारो कंवर घुवला जोगो मारूजी
मदनलाल सारा कंवर हस्तियां जोगा
वियजराज सारा कंवर घुडला जोगा मारूजी
विनोसारी वाया चाली सासरे
किनो सारी दई दिसावर जायो।
ललितचन्द सारी बाया चाली सासरे
विजयराजजी सारे दई दिसावर मारूजी।।
किनो सारी बहुबां पेहरीया चूडला
किनो सारी बहुवाँ घून्दडियाँ जोपो।जारूजी।
मंगलचन्दजी री रानियां पेहरीया चुडला
दिलीपचन्दजी सार  री रानियाँ ओढी चून्दडी।मारूजी।
किन सारा कंवर कंनर परिर्या जोगा
किन सारी बाँया ढूलियां रमण जोगो।मारूजी।
जसराज सारा कंवर दरियां जोगो
चेतन सारी बार्यां डूलियां जोगा।मारूजी।
सूसरीसा आगे करू लो पुकार ओ जी काई करू रे पुकार
बहू, ने यावे काकडी जी रा मारा राज
तो तो भावड नीब मंगाबू ओ जी कई नारंगी मगावाँ
इण रूत नहि कांकडी जी मारां राज
जेयठ सा आग करू लो पुकार ओ जी कई करू रे पुकार
बहु ने भांवे काकटी जी मारा राज
के तो भाबंड केरी मंगाबू ओ जी करेल मां मंगाबा
इण रूत नहि काकडी जी मारा राज
देवर सा आर्ग करूलो पुकार ओ जी कई करू पुकाई
भाव जने भावे काकडो जो मारा राज
को तो वज घेर मगाब कई लाडु मगाया
इण रुत ताहो काकडो जो मारा राज
सायबजो आर्ग करूलो पुकार ओ जो करूरे पुकार
धौरो ने भग्वे काकडो जी मारा राज
उठीया सायब माजल रात औजी कई माजल रात
सौ कौसा सूरज उगौयो जो मारा
तौडो दौडी दाडम दाअ औ जी कई दडम दअ
कांटा पर तौडी काकडो जीम मारा राज
लाया सायब गाडा मे घाल औ ती काई गाडा मे
उतारों चन्दन चोक में जी मारा राज
ओलो धोरी भावे खीतरी खाय ओ जी का ी भावे जीनरी खाय
बाकोरो कतर सुखया दिधी जी मारा राज
दोरी आरी भा ी जीतरी खाय ओ जी भा ी जीनरी खाय
बालीरी कतर सखाय दिधी जी मारा राज

279 साद जमुन्दा री
।।पीया रतन लढ छेला रतना गढ जमून्दा संगाय दो।।
देलो मास गोरी धण ने लागो
दूजो मास गोरी धण ने लागो
आल भोले मन जाय रे।।पीया रतना गढ।।
(आंगण रा पडीया पीया रतन नहीं आवे।
सोना री छंडीया पडाय दो
रूपा रो दूपठो बिछाय दो।।पीया रतना गढ।।
इग्ण्यो मास धोरी घण ने लामो
कोथा कोस धोरी घण ने लागो
जाटे खटाई मन रे।।रतना गढ।।
पांचमो माम घोरी धण ने लागो
छठो मास धोरो घण ने लागों
नींबू नारंगी मन जाय रे।।पीया रतना गढ।।
सातमो मास धोरी धण ने लागो
आठम मा, धोरी घण ने लागो
केर करेल्या मन जाय रे।पीया रतना गढ।।
नव दस मास धोरी घण ने लागो
ओवरीये मव जाय रे।।पीया रतना गढ।।
छेला रतना मढ जमुनया मंगा य दो
आंगण रां पडौयां पीया परत नही भावे
सोंना री छडीयां पडाय दो
रूपा रो दूपठो बिछाय दो
भवरसा हाथा सु।देखी मरूजी थारो प्रती सूती ने छोड
साहीज आप गया। देखी मखण थारी प्रीत जीमतडा छोडने
पीहर गोरी थे गया जी।
(दर्जी खाती कुभार वेश्या रगेरह नाम लेना)

273 साठा रो गीत
(हंसी मजाक रो गीत)
बाईसा उदिया तो पुर सू बीज मगांवोयो
बाईसो यायो देलु रेत। जठे सोले गज साठो नीपजे
दबाईसा दूध दहीयाँ सू साठो सिंच्यो
बाईसा माखण री पाल बन्धाय।जठे।
बाईसा सो ानारी छुरीया सु साठो काटि ोय
बाईसा लाया रे गाडा में गाल।जठे।
बाईसा सोनारी छुरीयाँ सु साटो काटियो
बाईसा लाया हे गाढा में घाल।जठे।
बावेसा सोनारी छुरीयां सु साठो छीछीयो
बाईसा कापा तो किघा पचास।रठे।
बाईसा भरी हताया साठो बेचीयो
बाईसा एकण भूली हो रज रा वीर
।।साठा रे कारण सघो रूसणो।।
न्नावज जो थे विरोसा री योछी रा साबला
भाक्ज भेस दूहावण साथे जाय
जठे अण बाल्या विरोसा बोलसी
बाईसा पाडीरे बदले पाडो छोडीयो
बाईसा तोईन बपोल्या रज रा वीर
भावज जो थे विरोसा री बोलरी साबला
जठे अण बोल्या विरोसा बोलसी
बाईसा पापड रे बदले पान परोसियो
बाईसा तोई न बोल्या थारा वीर ।साठा।
भावज थें तों फूलरिया री वोली रा सवाल
भावज मेला में दिबलो उजेल रयजाय
जठे अण पोल्या वीरोसा बोलसी
बाईसा गादी रे बदल तकीया नाख्या
बाईसा तोई न बोल्या रज रा वीर ।साठा।
भावज जो थे विपोसारी बोलीरा साबला
भावज गाडी जोत ने पीहर जाय
अठे अणबोल्या विरोसा बोलसी
बा ीसा मेलोनी लोडया देबर ने साथ
णठे अणबोल्या साहब बोलसी
बाईसा गाडी जो ने पीहर सांचरी
बाईसा आडा ओ फीरोया रज रा बीर
जठे अणबोल्या भवर सा बोल्या
गोरी आणए आविजे आणे जावीजे
गोरी बिण आणे जावे रे बलाय
भाग्या भवंर सा रा ओ गोरी थारा रूसणा
बा ीसा चूडा पेरार्वूं हस्ती दांत रा
बाईसा चन्दडीयाँ री पी मगाँय
जठे अणबोल्या रो रज रा वीर बोल्या
बाईसा पीला जी उपग पोतरा
बाईसा नणदोई ने दिन दशा राख
जठे अणबोल्या भवंवव सा राख
बाईसा गले गडावू नवरसर हार
बाईसा नणदोईसा ने अमर आशीश
जठे अणोब्लाय बीरा थारा बोल्या

273 साद रा गीत
दल फल रान्धू गाल मूँगा केरी खींचडी जी
जीमे धीरी रा देवर चठे शोली दाला सायबाजी
जीमत लागी वार तेडो आयो राज रा जी
को घोरी मनडा री बाब पछे जासा राज में जी
घोरी धश ने पेलो दूजो मास लाडु दोय लावजो जी
धोरी धण ने तिजो चौथो मास फीणीयों दोय डावजो
लांडु रे उणोयार काम्दया लावीजा जी
फीणिया रे उणयार धागा दोय लावीया जी
सायब असल गीयार (साडु) फीणीयां नही ओलखी
दल फल रान्धु दाल मूँगा केरी खिचडी जी
जीमे धोरी रा नेवर जेठ झील वाला सायबा जी
जीमत लागी वार तेडो आयो राज रो जी
को घोरी मनडा रो बात पछे जाया राज में जी
घोरी धण ने पाचमो छठो मास घेवर दोय लावजो जी
धोरी घण ने सातमो आठमो मास नारंगी दोय लायजो जी
घेवर रे उणीयार (छाणा) नीम्बू दोय लावजो जी 2
सायब असल गीवर घेंबर (नारंगी) नही ओलख्याजी

275 साद मछली री
सोन रो मचली ओ सायबा रतना रा पाया
रमता तो खेलता औ सायबा रतन उपजायों
दोई जता सूता ओं सायबा रतन उपजायो
खोला मे लेने वारा सायब पुए
हेज धरो ने वारो सायब पुछे
अने ए मारो नेनो नजु कायणरो (साद)
मने गारा कोडोल सोयबा नोबू री साद
मने मारा उवता सूरज मीटाई री स, ाद
आरा सूसरोसा कोडील एधोरी मीठाई मगावे
आरा सासूजी कोडीला ए घोरी नीबू जी लावे
सोना री मचली ओ सावबहा रतना रा पाया
रमना तो खेलता ओ सायबा रतन उपजायो
खोला में लेने वारा सायब पूछे
हेज धरीने वारा सायब पूछे
थने ए मारी नानी नजू कायणा री साद
मने ओ मारे कोडीला सायबा घेवर रीद सा
थारा जेयठ सा कोडीला ओ धोरी जी मावे
280 साद गवरी री
सासू जी आरा मन्दरी (स्थानक) सिद्धया
बहु चोरी किंधी हो राज।।मारो लागो राज
कांठी खोल गडडा काडया तो सेर बठाई हो राज
बोरी खोल शकर की काडी तो काढी सेर अढाई हो राज।।मारो।।
डबो जी खोल घीरत की काडयो तो काडयो से अढाई हो।।राज।।
डागले बोजोइया ने डागले सुखाया
लाल पाडोसन थूई मारी बेनड गडडा पीसदेह रो राज।।मारो।।
पाडोसी कन्दोई थूई मारी भई घेवर छठदेई हो राज।।मारो।।
खदबद खदबर घेबर सिन्जे जीव लेरका लेवे हो राज।।मारो।।
घेवर ले जीमण ने बेठा वारा सू सायब आया हो राज।मारो।
उठो घोरी लोठो भर दो तीरसा मरती आयो हो राज।।मारो।।
घेईज भरलो ने थेई जीपीलो मारो माथो दूबे हो पाज।।मारो।
हथ पकड़ने उबा जी किधा घेवर चाबो बेगयो राज।मारो।
आथो सायब थेई ले लो माता जी ने मती केईजो राज।मारो।
आधो लेसा ने आँखो लेसा माता जीने भले केसा राज।मारो
जीतरे माता जी घरा ही आया दोबा पग दिधो हा रजा।।मारो।।
थे तो माताजी बारे सिधाया बहु चोरी किधी हो राज।।मारो।।
थू तो रा जाया भोल डा ाल वपहु जीगो जीणसी रो राज।।मारे मन जाने घवर खासु।।

281 साद सींगोडा री
सूसरोसा पूछे बहु लाडला थाने कई कई भावे
अन नही न्न् ावे सासूजी सोने सींगोडा भावे
जायो समुद्र पार बे पानी मे निजे
उपर से सफेद हरीया छलीको अन्दर से गुलाबी होबे

282 साद लापसीं री
पेली मास ज लाग दुजो तो अबे लापसी
इग्ण्यो माख ज लाग छोथों तो अबे लागसी
मारे पेठ पड्यो नन्दलाल आदि रा मांगे लापसी
सासूजी चूतरो सू जान आदि रा घाले लापसी
पांचमो मास जाग छठे तो अबे लागसी
सातमो मास ज लाग आठमो तों अबे लागसी
मारे पेठ पड्यो नन्दलाल आदि रा मांगे लापसी
भाभीसा चूजान सूजान आदि रा रान्धे लापसी
बाईसा चूतर सू जान आदि रा रान्धे लापसी
मारे पेठ पडयो नन्दलाल आदि रा मांगे लापसी

284 साद मसूर री
मे खाई थी मसूर बिमारी हो गयी भारीसा।।
कहना मेरे ससूरोसा को वेदक लड़का लाना है।में।
कहना मेरी बडी बहु को मेरी आना नहीं होवे
कचेरीयो का काम बराबर हो गया भारी।मे।
कहना मेरे जेयठ सा कों बेदक लड़का लाना है।मे।
कहना मेरी बहु को मेरा आना नहीं होवे

285 साद मसूर की
दूकानो का काम बराबबर हो गया भारी।मे।
कहना मेरे सा को बेदक लडका लाना है
कहना मेरी भावज को मेरा आना नहीं होवे
कालेजी का काम इन्तयाम चल रया भारी।मे।
आगे आगे वेदक का लडका पीधे टोपी वाला जी
नाडवेदक लडका हंसे टोपी वाला जी
नार नकरा दार आ गीगो जीणासी भारी सा
।।मे खई थी गसूर बीमारी हो गई भारी सा।।

 

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