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राजस्थान रा जिला रो नक्शो
(आभार राजस्थान पत्रिका)

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पाली जिले रो सामान्य परिचय

सहयोग कर्ता रो नाम अने ठिकाणो
सोनल एस. मेहरु
गावं राजोला खुर्द
सोजत रोड
सोजत ,पाली
सहयोग कर्ता रो वर्तमान ठिकाणो
सोनल जे. रतनू
53/इ, लक्ष्मी कोलोनी
घोडासर , अहमदाबाद - 380050

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क्षेत्रफ़ल

12330.79

साक्षरता

54.92

समुद्र तल सु ऊँचाई

180-500 मी.

आदमियो री साक्षरता

73.06

बारिश रो औंसत

20 ईंच

लुगाया री साक्षरता

36.70

उच्चतम तापक्रम

 

नगरपालिका

9

न्युनतम तापक्रम

2 ं से.ग्रे.5

पंचायत समितियाँ

10

कुल जनसंख्या

18,19,201

गांव पंचायते

320

आदमियो री संख्या

917320

राजस्व गांव

968

लुगाया री संख्या

901881

तहसील

9

ग्रामीण जनसंख्या

14.28 लाख

 

 

शहरी जनसंख्या

3.91 लाख

 

 


पाली जिलो आपणी जूनी इतिहास अनोखी सांस्कृतिक उंचाइयो लोंठी परम्पराओ रे कारण विख्यात रहयो हैं।धणा धणा प्राकृतिक साधनो रे सारु अनुठो राजस्थान धन ओर धंधा रो केन्द्र हैं। पाली री भूमि जूना टेम सू रामायण ओर महाभारत रे टेम रा जूना सेंलाण आज भी मोजूद हैं जो आपो जोय सको हो।

जूनागण राज्यो मे ओ अर्बुदप्रदेा रो अंग हैं।चीन यात्री हेन सांग भारत भ्रमण रे टेम इण जमी ने गुर्जर देा रे रुप मे देखयो देसूरी रो नाडोल कण वखत चवाणो री राजधानी रयो हो।बाली रो बीजापुर रे नजदीक ह्स्ती कुंडी राष्ट्रकूट राठोडो री राजधानी ही। सम्वत 1681 सू 1687 तक ओ मारवाड रा राजाओ रे अधिकार मे रियो हो ।देशी रियासतोे माथे अंग्रेजो रो विरोध करण वाला ठाकुर खुाालसंह जी रो विद्रोह इतिहास रे पाने मे अमर वियोडा हैं जको आउवा रो विद्रोह सू ओलखिजे हैं। भारत आजादी रे पछे राजस्थान री न्यारी न्यारी रियासतो रो एकीकरण हुयो उणरे साथे इज पाली जिलो ओलखांण मे आयो।

पाली जिलो 24,45 सू लगाय ने 26,76 उतर अक्षांश औंर 72,48 सू 74,20पुर्वी देशांतर रे बीच मे आयोडो हैं।ओ क्षेत्र लम्बाई मे घणो ओर चोडाई मे कम हैं। अरावली पर्वतमाला री लांबी श्रंृखला अजमेर राजसमंद उदयपुर ओर सरोही जिलोरी सरहद ने जोडी हैं। ओइज कारण हे क पशिचम राजस्थान री प्रमुख नदी लुणी ने सहायक नदिया जवाई, मीठडी सुखडी,बाण्डी ने गुहयावाला पाली जिला रे माय ने वेन निकले हैं पशिचम राजस्थान रा घणा हारा सो बांध पाली जला माय वणयोडा हैं ने इण इलाका रा सवाऊ  मोटो बांध जवाई बांध ने सरदार संमद बांध पाली जला रे माइने हैं। पाली जिले ने अरावली पहाड री ऊंची चोर्टीं 1099 मीटर हैं मैंदानी इलाका समुद्रीतल सु 180ऊ 500 मीटर व पाली नगर 212 मीटर री ऊँचाइ  माते हैं। इणरो न्यूनतम तापमान 2 डिग्री सेंटीग्रेट सुदी पोच जावे हैं ने बरसात रो लगभग 20 इंच सुधी होवे हैं। सोमनाथ मंदिर पाली वालो री आस्था रो प्रमुख केन्द्र रयो हैं।

संग्रालय पाली जले री पुरातात्विकता ने एतिहासक महानता ने नीजर मे राख ने पाली एक बांगड संग़्रहालय बणवायो हैं इणरे माइने अबे नी मिलनेवाली मुर्तिया,सिकका ने हथियार ए सब देखण वास्ते रखयोडा हैं।

दर्शनीय स्थल

 

चामुन्डा मंदिर
नमाज कस्बे रे नेगे ही जंगल मे राजा भोज रे बणायोडो पुराणो चामुन्डा माता रो मंदिरआपरी पुरानी कला रो केन्द्र हैं। अठे पुराना विभाग री चौंकी स्थितहैं।राता भाटा माते बारीक कारिगरी ने दीवारो माते कुरयोडी मुर्तियो अबे री स्थापत्य कला री उत्कृष्ट्ता री प्रतीक हैं।

जवाई बांध
अबे रा जमाना रे तीर्था रे माइने सुमेरपुर रे नेगे ही जवाई बांध पशिचमी राजस्थान रे सबाऊ मोटो बांध हैं। आवण वाला रे वास्ते ओ बांध आकरषण रो केन्द्र हैं 600 करोड घन  फ़ीट पाणी री गेहराइ वालो ओ बांध जोधपुर ने पाली नगर मे सैंकडो रो प्रमुख पेयजल स्त्रोत तो हैं ही साथे इज पाली ने जालोर जल्लो री सैंकडो एकड भुमि मे सिंचाई भी वे हैं।

जुनाखेडा
देसुरी तह्सील रे नाडोल कस्बे रे नेडे हीज पुराने महत्व रो स्थल जुनाखेडा हैं।ओ चौंहानवंा रे क्षथियो री पुरानी राजधानी हेती।इने पुरातात्विक हिसाब सु सुरक्षित स्थान घोषित करयो हैं।इण स्थान री खुदाई मे पुराणी घणी हारी दुर्लभ वस्तुआ मली हेती।ईण रो इतिहास 8 वी ,9वी शताब्दी रो हैं। आज कल इण क्षेत्र रो नाम नाडोत हैं।इण क्षेत्र मे ही साथ पुथ्वीराज चौंहान रा पिता राजा सोमेश सोलंकी ऊ युद्ध कर वेरा सहीज वया हता । अठ्ठा री बावडीया भी देखण लायक हैं। नाडोत रे कने नाडताइ ग़ांव रो भी एतिहासिक महत्व रो स्थान हैं। अण री भंवर गुफ़ा  देखण लायक हैं।नाडोत ने नाड्ताइ रा पुराना मंदिरवारी एतिहासिक ने शिल्पकला रे कारण ऊ आज भी घणा सैंलानया ने आपरी औंर आकषिर्त करे हैं ऩारताइ मे आदिनाथ रो जैंन मंदिर घणो पुराणो हैं।

रणकपुर
साद्डी गंाव ऊ कने हीज आठ द्स किलोमीटर आगो मधर नदी रे किनारे रणकपुर जैंन मंदिर आपरी बेजोड स्थापत्य कला रे कारण वेदो  रे माइने विख्यात हैं। अठे रा मुख्य आदिनाथ जैंन मंदिर 4800 वर्ग मीटर रा चोतरा माथे वणयोडा हैं।घणा प्रकार 24 मण्ड्पो ऊ सजयोडो 1444 थब्बा हाथे चार सिंहद्वार ने 84 देव कुलीकाओ रे द्वारा सजयोडी रणकपुर जैंन मंदिर आणे वालो ने खुद री तरफ़ आकर्षत करे हैं। मंदिर मे चारु ओर ऊंचा मेघनाद मण्ड्ल वणयोडा हैं।इण ऊज जुडयोडा 4 रंग मण्ड्ल हैं। इण मे बंसरी बाजवती ने नृत्यरत पुतलियो ने सोलह नृतकयो री मुर्तिया ऊंची कला री प्रतीक हैं। मुख्य मंदिर रे नेडे हीज पार्वनाथ जैंन मंदिर हैं।
उदयपुर रा महाराजा कुम्भा रे शासनकाल मे ऊणारा मंत्री घरणाह ने शिल्पीदेव से इण मोटा चार मुठावाला मंदिर रो निर्माण करवायो हतो । दर्शन रे वास्ते आवावाळा री सुविधा वास्ते अठे रुकणे ने खावण पिवण री व्यवस्था हैं। विदेशो सु आवण वाला यात्री रे वास्ते  टयुरिस्ट बंगले मे सब तरहा री सुविधा हैं। जोधपुर रु रणकपुर 160 कििलो मीटर  ने उदयपुर ऊ 100 किलोमीटर आगे हैं। अठाऊ सबाउ नेडो रेल्वेस्टेशन फ़ालना मे हैं।वो अठाऊ 35 किलोमीटर आगे हैं।

सादडी
रणकपुर रे नेडो ही ज साद्डी गाव मे खुबसुरत मंदिर ने खुदाबख्श बाबा री दरगाह देखणे लायक जगह हैं। अठा रा मंदिर मा वराह अवतार मंदिर ने चिंतामणी पार्श्वनाथ जैंन मंदिर बोह्त पुराणो हैं कने ही ज गजानंद मंदिर प्रसिद्ध हैं। इण मंदिरमे रिद्धि सिद्धि री मुर्तिया  वणयोडी हैं।

पराुराम महादेव
साद्डी ऊ 14 किलो मीटर पुर्वी दिशा मे समुद्रतल ऊ 3995  फ़ीट री ऊंचाई माथे अरावली पर्वत श्रृंखला मे पराुराम ऋ षि तपस्या करी हती।गुफ़ा मे प्राकृतिक रुप सु शिवलिंग स्थापित हैं।अठे ह्रर वर्ष नवरात व सावण री चांद्णी सातम ने मेलो भरिजे हैं।

मुच्छाला महावीर
घाणेराव ऊ 5 किलो मीटर आगो कुंभलगढ सेंचुरी मे मुच्छाला महावीर रो प्रसिद्ध मंदिर हैं।मंदिर मे स्थापित महावीर  री प्रतिमा मुछो री ज खासियत हैं इण वास्ते इण रो ओ नाम हैं।मंदिर रे बेरणा रे दोही पाहाडे हाथयो री फ़ुटरी मुर्तियो वणयोडी हैं।

निम्बो का नाथ
फ़ालना ने हाण्डे राव मार्ग माथे पहाडी री तलहटी मे ओसवााल मंदिर वणयोडो हैं।पाण्ड्वो री माता इण जगह शिव पुजा करती ह्ती।घणो साला पेला ओ मंदिर ध्वस्त वेगो ह्तो ने अबे संवत 1632 रे बाद प्रकाश मे आयो । पाण्ड्वो ने इठे शिव जी री स्थापना करी ने बावडी बणवाई हेती । अठे वर्ष मे दो बार मेलो भरिजे हैं।

सालेश्वर मंदिर
पाली रे नेडे ही ज गुठा प्रतापसिंह गंाव री पहाडी गुफ़ा रे माइने स्थित सालेश्वर मंदिर पुराना काल सु विख्यात हैं। पराुराम रा पता महषीर् जमदागन ने इण स्थान माते तपस्या करी ह्ती । एडी कहावत हे क अठे स्थित भीमगोडा वनवासी पाण्ड्वो री याद दिलावे हैं। अठे तालब , जवतो री समाधयो ने मन भावन प्राकृतिक वातावरण अठे रे अन्य आकर्षण हैं।

सोमनाथ मंदिर
पाली शहर रे बीच मे स्थित सोमनाथ मंदिर आपरी शिल्पकला ने एतिहासिक पृष्ठभुमि रे वास्ते विख्यात हैं। इण मंदिर रो निर्माण गुजरात रा राजा कुमारवाल सोंलकी ने विक्रम संवत 1209 मे करवायो हतो।

 

कला औंर संस्कृति

 

पाली जिलो कला ने संस्कृति ऊ भरपुर हैं।अठे रा पांहरता गांव रा तेरा ताळी लोक नृत्य  विख्यातहैं।लोकनृत्य रे माइने नृत्य वालो री ओळ्खाण बणगयो हैं। अन्य लोकनृत्यो मे मूण्डारा रो कच्ची घोडी ,बुसी रो रणनृत्य भील जात री लुगाइया रो घुमर ,गरासियो रो गणगौंर,ने गवरीनृत्य,खुद रे इलाका री पहचान वणयोडो हैं।पाली शहर मे कपडा री रंगाई पुताई रो काम बढिया पैंमाने पर वे हैं।जिला रे प्रमुख मेलो मे रामदेवजी रो मेलो,राजपुर इलाका रे वराटया खुर्द गाव रे माइने हर साल भादवा री चांदनी एकाद्शी ने भरिजे हैं।ओ मेलो दो दिनो तक होवे हैं। नवरात्र रे त्यौंहार माथे पराुराम महादेव ,निम्बोरो नाथ,फ़ालना, जवाती घणा ही स्थानो माथे मेला भरिजे हैं। निम्बोका नाथ स्थान माथे वैंशाख री पुनम माथे मेलो भरिजे हैं।

पाली नगर रे अलावा सोजत,जवाती ने घणा ही ग़ावो मे शीतलामाता रो मेलो भरिजे हैं।देसुरी इलाका री आना पचायत रे सारंग गाव रे नदी प्रांगण मे सोमनाथ खेतलाजी रो दो दिन रो तक्खी मेलो हर महीने री चांदणी पांचम ने भरिजे हैं।पाली,वाती,राणी ने सुमेरपुर इण जगह माथे दशहरा माथे मेलो भरिजे हैं।रानी रे कने हीज बरकाना जैंन तीर्थ स्थान माते प्रतिवर्ष पौंष मह्निे री चांद्नी द्शम ने मेलो भरिजे हैं।जोधपुर पाली रेल्वे स्टेान माथे करेला स्टेान रे कने हजरत पीर री मजार माथे दीपावली रे दुसरे द्नि चाट्लिा पीर दुलेशाह रो मेलो भरिजे हैं।आदिवासियो रे गणगोर बाली तहसील रे गोरिया गांव मे हर वर्ष वैंशाख मह्निे री चांद्नी सातम ने मेलो भरिजे हैं ।

इणे अलावा जिले रे माइने महादेव मेला, भाकरी मेला,बजरंग बाग,कुमन्डली मेला, हनुमान मेला, महालक्ष्मी मेला, खवाडा ने चण्डावल पशु मेला, ने आंनदपुर कालु रो पशु मेला भी प्रसिद्ध रही हैं ।जोधपुर संभाग रो पाली जिला रे माइने प्राशानिक दृष्टि ऊ 5 उपखण्ड सुमेरपुर,देसुरी जैंतारण,सोजत ,पाली ने ओर बाली हैं।इण रे अलावा 9 तहसीला सुमेरपुर,देसुरी जैंतारण,सोजत ,पाली ,बाली मारवाड ,रोहठ व रानी हैं। एक नगर प्‌रिषद पाली रे माइने हैं ने 8 नगरपालिका जैंतारण ,सोजतसीटी,फ़ालना,सादडी सुमेरपुर,रानी,तरण्ट्ढ ने बाली रे मायने हैं।जिलो मे 320 गंाव री पच्‌ंाायतो ने 968 गांव हैं।

 
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